@ईमान
दिग्गी – अगर ज़रा भी अभिमान बचा है तो इस्तीफा
दें दे राजनाथ |
‘’ भैया , तू मेरा ईमान/ अभिमान , सबकुछ ले ले , मगर इस्तीफा मत मांग मेरे भाई | हाथ से सत्ता
की कुर्सी जाने का कलेजे में दर्द कितना होता है , यह तो तू भी दस – बारह साल से
भुगत रहा है ..ठीक कहा ना |
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