मंगलवार, 27 अक्तूबर 2015

@ईमान

@ईमान

दिग्गी – अगर ज़रा भी अभिमान बचा है तो इस्तीफा दें दे राजनाथ |

‘’ भैया , तू मेरा ईमान/ अभिमान  , सबकुछ ले ले  , मगर इस्तीफा मत मांग मेरे भाई | हाथ से सत्ता की कुर्सी जाने का कलेजे में दर्द कितना होता है , यह तो तू भी दस – बारह साल से भुगत रहा है ..ठीक कहा ना |

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