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गुरुवार, 12 नवंबर 2015

तीन बकवास

 तीन बकवास 
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@रमिया
गाँव की रमिया घर-घर नाच गा रही है ,
किसी तरह उसकी
रोजी रोटी चल रही है
पर लोगो की नज़रों में उसकी कला की क़द्र नहीं है ,
बल्कि उसकी गदराई जवानी खल रही है |
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@रहस्य
नेताजी की पत्नी अपनी पड़ोसन से बोली –
‘’आप शायद नहीं जानती दीदी ,
इनके रहस्य बड़े गहरे हैं ,सुनते तो सबकी हैं , पर बेचारे बहरे हैं |
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@ शोषण
छोटे वर्गों का हमेशा से शोषण हुआ है मेरे भाई,
जब भी उन्होंने ने संघर्ष का कदम उठाया
एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खोद दी गई खाई
    सुनील कुमार सजल