लघुव्यंग्य
– बस यूँ ही
स्थान्तरित
होकर आए नए साहब ने सबसे पहले दफ्तर की दीवार पर बड़े अक्षर में लिखवाया –‘’ इस
कार्यालय में ध्रूमपान पूर्णत: निषेध है |ध्रूमपान करते पाए जाने पर दो सौ रुपये
का जुर्माना किया जाएगा |
लेकिन
उनके कक्ष की टेबिल पर राखी ऐशट्रे शाम तक सिगरेट की राख से भर जाती | प्रतिक्रया
में वे कहते पाए जाते –‘’ सरकारी दफ्तरों में आजकल शब्दों की धकोसलेबाजी की उठापटक
ही तो चल रही है |’
सुनील
कुमार ‘सजल’