मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

मलाल

1* मलाल
चुनाव के दौरान भीख माँगते गवैये को नेता ने रोबदार
आवाज में कहा- ‘’ क्यों गधे की तरह रेंक रहा है ,
कल पार्टी के दफ्तर में आ ,चमचा बन,
और हमारी पार्टी के प्रचार में गीत गा |
फिर देख आज भूखे पेट जूठी बीडी
पीकर जो दिन गुजार रहा है
कल से सिगरेट का धुआं खीचेगा
शानदार होटल में खाकर
अपनी सूखती गर्दन को अंग्रेजी से सीचेगा |
अगले दिन से वह गवैया नेता के प्रचार में
गीत गा रहा है
पर उसे है इस बात का मलाल कि
चार दिन की मायाबी जिंदगी के लिए
अपने पुश्तैनी धंधे का अस्तित्व मिटा रहा है |

--सुनील कुमार ‘सजल’

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